बलि के लिए छह वर्षीय मासूम का गला काटा
नई दिल्ली, 02 अक्तूबर। लोधी कॉलोनी में दो दोस्तों ने छह वर्षीय मासूम की बलि चढ़ाने के लिए हत्या कर दी। आरोपियों ने अपने घर सोने के लिए जा रहे मासूम को खाना बनाने वाले स्थान पर बुलाया।
नई दिल्ली, 02 अक्तूबर ( लोधी कॉलोनी में दो दोस्तों ने छह वर्षीय मासूम की बलि
चढ़ाने के लिए हत्या कर दी।
आरोपियों ने अपने घर सोने के लिए जा रहे मासूम को खाना बनाने
वाले स्थान पर बुलाया। पहले बच्चे के सिर पर वार किया और फिर गला रेतकर मार डाला। बच्चे के
घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने तलाश शुरू की। तलाश करते हुए परिजन उसी जगह पहुंचे जहां दोनों
आरोपी बच्चे के शव को प्लाईवुड के नीचे छिपा रहे थे।
खून देखकर बच्चे के पिता ने प्लाईवुड को
हटाया। वहां बच्चे का शव रखा हुआ था। पिता के शोर मचाने पर लोगों ने शव के पास मौजूद विजय
कुमार और अमर कुमार को पकड़ लिया। मामले की सूचना मिलने पर लोधी कॉलोनी थाना पुलिस ने
बच्चे के शव को कब्जे में लेकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि मृतक बच्चा धर्मेंद्र अपने परिवार के साथ लोधी कॉलोनी
स्थित झुग्गियों में रहता था। परिवार में पिता अशोक, मां भगवती, बड़ा भाई मंगली और छोटी बहन
बॉबी शामिल हैं। परिवार मूलत: बरेली उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। बच्चे के माता-पिता मजदूरी
करते हैं। आरोपी भी पीड़ित परिवार के पड़ोस में ही रहते हैं और मजदूरी करते हैं। एक अक्टूबर की
देर रात सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरके जहांगीर ने मामले की सूचना पुलिस को दी। लोधी
कॉलोनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। जहां लोगों ने बताया कि विजय कुमार और अमर कुमार ने
धर्मेंद्र का गला काटकर उसकी हत्या कर दी है।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए
भेज दिया
और धर्मेंद्र के पिता अशोक कुमार के बयान पर केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर
लिया।
पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू की। आरोपी विजय ने बताया कि उन्होंने हत्या से पहले
नशा किया था। नशा करने के बाद वह भगवान की पूजा करने गए थे। वहां महिलाओं ने उन्हें
अगरबत्ती नहीं दी तो वे वापस अपनी झुग्गी में आ गए। विजय ने बताया कि भगवान शंकर ने उन्हें
सपने में आकर कहा कि उन्हें बच्चे की बलि देनी होगी।
इसके बाद वह बच्चे की तलाश में निकल
पड़े और रास्ते में उन्हें धर्मेंद्र दिखाई दिया। जिसके बाद उन्होंने उसे बुलाया और उसका गला काट
दिया। आरोपियों ने बताया कि उन्हें समृद्धि हासिल करनी थी। जिसके लिए वह भगवान शंकर की
पूजा करते थे। वह भगवान के प्रसाद के रूप में रोज गांजे का सेवन करते थे। उन्हें दो बच्चों की
बलि देनी थी। हत्या के बाद वह दोनों बचने के लिए अपने कपड़े और धर्मेंद्र का शव छिपा रहे थे।
लेकिन बच्चे के परिजन उसे ढूंढते हुए वहीं आ गए। अगर वह पकड़े नहीं जाते तो एक और बच्चे की
बलि देते।