सबिरा हारीस ने रजत पदक जीतकर किया जनपद का नाम रोशन घर में खूसी की लहर

पदक जीतने से चयन ट्रायल के लिए मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया है। मुझे विश्व चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में जगह पक्की करने का भरोसा है।  

सबिरा हारीस ने रजत पदक जीतकर किया जनपद का नाम रोशन घर में खूसी की लहर

*पवनेश(सोनू कौशिक )आज का मुद्दा* 

बुलंदशहर
 इंटरनेशनल खेल आयोजनों में जनपद के छोटे शहर स्याना की लड़की ने धूम मचा दी। जर्मनी के सुहल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) की जूनियर विश्व कप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम में बुलंदशाहर जिले की सबीरा हारिस भी थीं।

सबिरा महज 15 साल की हैं और  निशानेबाज है। वे रजत पदक जीतनेवाली सबीरा हारिस और भव्या त्रिपाठी, प्रीति  भारतीय महिला ट्रैप तिकड़ी में शामिल थीं। हालांकि सबिरा की टीम स्वर्ण पदक के लिए हुए मैच में इतालवी टीम से 2-6 से हार गई पर रजत पदक जीतकर अहम उपलब्धि हासिल कर ली।


रजत पदक जीतकर अहम उपलब्धि हासिल कर ली


सबिरा ने बताया कि अन्य निशानेबाजों की तरह, दो साल तक कोविड -19 ने उसके अभ्यास और टूर्नामेंट में भागीदारी को भी प्रभावित किया। इसके तुरंत बाद कोविड -19 शुरू हो गया जिसने सभी खेल गतिविधियों को रोक दिया था।

अब उन बुरी यादों को भुलाकर सबिरा ने टीम सिल्वर मेडल के साथ वापसी की है। वे अब नई दिल्ली में विश्व चैंपियनशिप के लिए चयन ट्रायल की तैयारी कर रही हैं जो इसी माह के अंत में शुरू होने वाली है।
सबिरा ने बताया कि —जर्मनी में अच्छा अनुभव था।

पदक जीतने से चयन ट्रायल के लिए मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया है। मुझे विश्व चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में जगह पक्की करने का भरोसा है।  


 सबिरा के पिता ने बताया कि वे इस खेल में अपनी काबिलियत साबित करें। मैंने उन्हें  शूटिंग एकेडमी में भर्ती करा दिया था। वहां सबिरा ने लगातार अपना अभ्यास जारी रखा। उनकी मां  ने बताया कि मैं उसे इंटरनेशनल लेबल पर और पदक जीतते देखना चाहती हूं।


सबिरा कड़ी मेहनत करने वाली खिलाड़ी है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकने में विश्वास करती है। उसका भविष्य बेहद उज्ज्वल है। 
 सबिरा ने टीम सिल्वर मेडल जीतकर यह साबित किया है। वे शानदार निशानेबाज हैं