जालंधर-अगर आप किसी काम को लेकर प्रशासनिक कॉम्पलेक्स में जा रहे हैं तो पीने वाला पानी साथ में ले जाना मत भूलिए
जालंधर-अगर आप किसी काम को लेकर प्रशासनिक कॉम्पलेक्स में जा रहे हैं तो वहां पीने वाला पानी साथ में ले जाना मत भूलिए। क्योंकि तपिश भरी गर्मी के इस मौसम में आजकल डिप्टी कमिश्नर ऑफिस में स्थित विभिन्न कार्यालयों में पहुंचने वाले लोगों के लिए शुद्ध और शीतल ठंडे पानी का कोई प्रबंध नहीं है।
जालंधर-अगर आप किसी काम को लेकर प्रशासनिक कॉम्पलेक्स में जा रहे हैं तो वहां पीने वाला पानी साथ में ले जाना मत भूलिए। क्योंकि तपिश भरी गर्मी के इस मौसम में आजकल डिप्टी कमिश्नर ऑफिस में स्थित विभिन्न कार्यालयों में पहुंचने वाले लोगों के लिए
शुद्ध और शीतल ठंडे पानी का कोई प्रबंध नहीं है। जिले में सौ प्रतिशत घरों में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने वाला डिप्टी कमिश्नर कार्यालय आज खुद ही प्यासा है।
यूं तो डी.सी. आफिस की हरेक मंजिल पर पेयजल के लिए वॉटर कूलर लगा रखे हैं, परंतु यह वाटर कूलर पिछले कई दिनों से बंद अथवा खराब पड़े हैं,
जिस कारण 40 डिग्री तापमान में सरकारी विभागों में रोजाना आने वाले सैकड़ों लोगों के पानी के बिना हलक सूख रहे हैं। डीसी ऑफिस के ग्राऊंड फ्लोर में एडीशनल डिप्टी कमिश्नर (जनरल) के आफिस से चंद कदम दूर लगाया गया वॉटर कूलर कई दिनों से
बंद पड़ा हुआ है।इतना ही नहीं प्रशासनिक कॉम्पलेक्स के रखरखाव का जिम्मा उठाने वाले जिला नाजर ब्रांच के पहली मंजिल पर बने ऑफिस के समीप लगा वॉटर कूलर भी खराब हुआ पड़ा है।
दूसरी मंजिल पर लगा वॉटर कूलर भी खराबी के कारण हाफ रहा है। जिस वजह से लोग प्यास बुझाने को लेकर पानी की तलाश में काम्पलैक्स में इधर-उधर भटकने को मजबूर होते हैं
पर किसी भी अधिकारी का अपने कार्यालय में आने वाली जनता को राहत प्रदान करने की तरफ कोई ध्यान नही है।
गौरतलब है कि सरकारी विभागों में लोगों के काम जल्दी नहीं होते हैं। इस स्थिति में काम के सिलसिले में आने वाले लोगों को इस भीषण गर्मी के दौरान दो से तीन घंटे काम के लिए इंतजार करना पड़ता है।
ऐसे में कामकाज कराने सरकारी कार्यालय जा रहे लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकते देखे जा सकते हैं।लोगों का कहना है कि जिला निवासियों को हरेक मूलभूत सुविधा मुहैया कराने का दायित्व और पॉवर जिन अधिकारियों के पास हैं, उनके कार्यालयों में ही
ऐसा हाल रहेगा तो आम आदमी सहूलियत पाने को लेकर आखिर किसका दरवाजा खटखटाएगा। अधिकारियों को चाहिए कि गर्मी का मौसम देखते हुए
कार्यालय में लगे सभी वॉटर कूलर तुरंत सही करवाए।डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में बनी ऐसी स्थिति में लोगों को कैंटीन से पानी की बोलत खरीद कर प्यास बुझानी पड़ रही है।
कॉम्पलेक्स में पेयजल का कोई प्रबंध न होने के कारण कैंटीन संचालक भी खूब चांदी कूट रहे हैं । वहीं अधिकारियों के पास फरियाद लेकर आने वाले अनेकों लोग ऐसे भी होते हैं जो कि पानी की बोतल खरीद पाने में सक्षम नहीं होते। ऐसे लोगों को प्यास
बुझाने को लेकर खासी मशक्कत करनी पड़ती है।डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में कोविड-19 महामारी के दौरान पीने के पानी के लिए कई टूटियों वाले स्टैंड बनाकर लगाए गए थे। इनमें से एक स्टैंड डिप्टी कमिश्नर, सहायक कमिश्नर, एस.डी.एम-1 के कार्यालय को
जाने वाले एंट्री प्वाइंट पर हुआ है परंतु इस स्टैंड पर लगी टूटियों को अब पानी की सप्लाई का कोई प्रबंध नहीं है और स्टैंड के भीतर सूखे पत्तों व मिट्टी से लबालब भरे हुए हैं। लोगों का कहना है कि अधिकारियों को चाहिए कि अगर वह गर्मी के मौसम में ठंडा
पानी मुहैया नही करा सकते तो कम से कम इन खराब पड़े स्टैंड को चालू करवा दे ताकि लोगों को ताजा पानी ही उपलब्ध हो जाए।डी.सी. ऑफिस में वॉटर कूलरों के बंद होने के मामले में जिला नाजर का कहना है कि प्रशासनिक कॉम्पलैक्स में 7 के करीब ठंडे
पानी के वॉटर कूलर लगे हुए हैं। इनमें से कुछ वॉटर कूलर ही खराब है। उन्होंने कहा कि इन वॉटर कूलरों की एनुअल मेंटेनेंस कांट्रेक्ट खत्म हो गई है, नई करार पेंडिंग है, जिसे डिप्टी कमिश्नर से अप्रूवल लेकर कर ही कराया जाता है। इस संबंधी फाइल डिप्टी
कमिश्नर की आई.डी में पेंडिंग है और जैसे ही अप्रूव्ल मिल जाएगी, तुरंत वॉटर कूलरों को ठीक करवा चालू करवा दिया जाएगा।