हिमाचल के चंबा में भीड़ ने 'ऑनर किलिंग' के आरोपी के घर में लगाई आग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से घटना को सांप्रदायिक रंग न देने की अपील की
शिमला-हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के सलूनी इलाके में एक व्यक्ति की नृंशस हत्या के बाद जवाबी कार्रवाई में घर को जलाने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कांगड़ा के डीआईजी अभिषेक दुल्लर ने कहा कि हजार के करीब लोगों की भीड़ ने आरोपी के घर में आग लगा दी।
शिमला-हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के सलूनी इलाके में एक व्यक्ति की नृंशस हत्या के बाद जवाबी कार्रवाई में घर को जलाने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कांगड़ा के डीआईजी अभिषेक दुल्लर ने कहा कि हजार के करीब लोगों की भीड़ ने आरोपी के घर में आग लगा दी। आरोपी के परिवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सांप्रदायिक तनाव के बीच स्थानीय प्रशासन ने इलाके में सीआरपीसी की धारा 144
लागू कर दी है।हत्या की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने एकता और सद्भाव बनाए रखने की अपील की और इस घटना को राजनीतिक या सांप्रदायिक रंग देने से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया है। झूठी शान की खातिर हत्या के एक संदिग्ध
मामले में एक युवक की हत्या कर दी गई, जिसके बारे में माना जाता है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय की एक महिला के साथ प्रेम संबंध में था। उसके शरीर को आठ टुकड़ों में काटकर एक बैग में भरकर सीवर में फेंक दिया गया था।पीड़ित 6 जून से लापता था।
उसका शव तीन दिन बाद बरामद किया गया था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां मीडिया से कहा कि इस तरह की घटनाओं को तूल नहीं देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि
दुख की इस घड़ी में सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है।सभी समुदायों के हितों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जघन्य अपराध के दोषी सजा से नहीं बचेंगे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कानून के तहत
कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनता से शांति बनाए रखने और मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पुलिस ने जाने से रोका
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मृतक के परिजनों के घर जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इस पर पूर्व सीएम ने
कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले तो मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को खुद मौके पर जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। विपक्ष मौके पर जाकर देखना चाहता है तो उसका भी रास्ता रोका जा रहा है।