25 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा पर होगा किसान महापड़ाव

ग्रेटर नोएडा, 24 अप्रैल किसानों के 10 फीसदी आबादी प्लाट आबादियों की लीजबैक मुआवजा वृद्धि रोजगार एवं अन्य मांगों को लेकर प्राधिकरण पर महापड़ाव डाला जाएगा।

25 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा पर होगा किसान महापड़ाव

ग्रेटर नोएडा, 24 अप्रैल (किसानों के 10 फीसदी आबादी प्लाट आबादियों की लीजबैक
मुआवजा वृद्धि रोजगार एवं अन्य मांगों को लेकर प्राधिकरण पर महापड़ाव डाला जाएगा। इस दौरान


मुख्य रूप से किसान सभा एवं क्षेत्र के अन्य सभी किसान संगठन एवं विपक्षी राजनीतिक पार्टियां
प्राधिकरण की तानाशाही पूर्ण और किसान विरोधी नीतियों के विरोध में 25 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा


प्राधिकरण पर दिल्ली के किसान आंदोलन की तर्ज पर महापड़ाव डाला जाएगा। महापड़ाव तब तक
चलेगा जब तक किसानों की उक्त समस्याओं का हल नहीं हो जाता।


किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने बताया कि 50 गांव की किसान सभा की सभी कमेटियों की
बैठक 26 मार्च को खोदना खुर्द में संपन्न हुई थी। बैठक में महापड़ाव का फैसला लिया गया था।


जिस के क्रम में पूरे क्षेत्र में जन जागरूकता फैलाकर एवं 23 अप्रैल को मोटरसाइकिल रैली निकालकर
25 अप्रैल के महापड़ाव की तैयारियां की गई हैं।

बड़ी संख्या में किसानों के पहुंचने की संभावना है।


किसानों में अपनी समस्याओं के लंबे समय तक लंबित रहने से भारी रोष है।
किसानों का मजाक उड़ा रहा प्राधिकरण


अंतिम बार 2014 में मुआवजा वृद्धि की गई थी। जो अभी केवल 375 रुपए की वृद्धि कर किसानों
का मजाक उड़ाया गया है। सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा आज के न्यूनतम बाजार भाव 6000

रुपए प्रति वर्ग मीटर नए कानून के अनुसार 4 गुना मुआवजा 24000 रुपए प्रति वर्गमीटर बैठता है।
जबकि प्राधिकरण मात्र 4000 रुपए प्रति वर्ग मीटर में जमीनों को हड़प कर बेहद ऊंचे दामों पर


आवंटित कर रहा है। बोली लगाकर आवंटन किया जा रहा है एवं किसानों के भूमि के दामों को कम
रखकर उनको लूटा जा रहा है।


आबादी के प्लॉट देने से मुकर गया प्राधिकरण
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि प्राधिकरण


वादाखिलाफी करते हुए 10 फीसदी आबादी प्लाट देने से मुकर गया है क्षेत्र के 13000 किसान
परिवार 10 फीसदी आबादी प्लाट से वंचित हैं। इसी तरह बिना बताए 254 प्रकरणों में आबादियों की


लीज बैक रद्द कर दी गई है। इतना ही नहीं नए भूमि अधिग्रहण कानून का बिल्कुल भी पालन नहीं


किया जा रहा है और मुआवजा राशि मनमाने ढंग से अत्यंत कम दर पर रखी जा रही है। जबकि
अपनी जमीनों को नीलामी कर भारी मुनाफा कमाया जा रहा है।


समस्याओं का हल होने तक डालेंगे महापड़ाव
किसान सभा के सचिव जगबीर नंबरदार ने कहा क्षेत्र के किसान आर पार की लड़ाई के मूड से आ रहे


हैं। प्राधिकरण के गेट पर ही महापड़ाव डालकर समस्याओं के हल होने तक रहेंगे। किसान सभा के
संरक्षक राजेंद्र नागर एडवोकेट ने कहा कि न केवल क्षेत्र में पंचायतें खत्म की गई हैं बल्कि किसानों


की लंबित समस्याओं को सुनना तो दूर किसानों के प्राधिकरण में एंट्री भी बंद कर दी गई है।


प्राधिकरण के अफसर अपने आप को किसी राजा महाराजा से कम नहीं समझते और किसानों से
उनका बर्ताव अपमानजनक रहता है।