वृन्दावन साहित्य महोत्सव में कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह सम्पन्न
वृन्दावन। रमणरेती रोड़ स्थित वृन्दावन शोध संस्थान के ऑडिटोरियम में "शब्द सृजन" संस्थान (पंजीकृत) के द्वारा वृंदावन साहित्य महोत्सव का विशाल आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।
वृन्दावन साहित्य महोत्सव में कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह सम्पन्न
वृन्दावन। रमणरेती रोड़ स्थित वृन्दावन शोध संस्थान के ऑडिटोरियम में "शब्द सृजन" संस्थान (पंजीकृत) के द्वारा वृंदावन साहित्य महोत्सव का विशाल आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।सर्वप्रथम आगंतुक अतिथियों द्वारा ठाकुर बांके बिहारी के चित्रपट के समक्ष दीप-प्रज्ज्वलित किया गया।तत्पश्चात बिहार से पधारे कवि राजेश मिश्रा "नवोदयी" के द्वारा मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार पद्मश्री डॉ. मोहन स्वरूप भाटिया ने कहा कि "शब्द सृजन" संस्थान के द्वारा एक ऐतिहासिक कार्य किया गया है।
संस्थान एक नई परिकल्पना के साथ साहित्य में अपना योगदान दे रहा है। इस महोत्सव में 10 पुस्तकों का विमोचन किया गया, जो कि अपने आप में एक श्रेष्ठ कार्य है।इसके कार्य के लिए "शब्द सृजन" संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय एवं महासचिव डॉ. ओंकार त्रिपाठी अत्यधिक बधाई के पात्र हैं।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर दिनेश पाठक "शशि" एवं वृन्दावन शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर राजीव द्विवेदीने कहा कि वृंदावन साहित्य महोत्सव जैसे आयोजन देश में बहुत कम देखने को मिलते हैं।ऐसे आयोजनों से ही साहित्य जगत पल्लवित व पोषित होता है।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉक्टर गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि डॉक्टर राजीव पांडेय द्वारा संस्थापित "शब्द सृजन" संस्थान के द्वारा सारे देश में जो साहित्यिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, वे अति प्रशंसनीय हैं। मैं इसके लिए उनको और उनकी सारी टीम को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
महोत्सव में हरियाणा से डॉक्टर अलका शर्मा के ग़ज़ल संग्रह "अपना वही आलम", बुंदेलखंड के महोबा से संतोष पटैरिया की सम्पादित "आल्हा समर सारावली", मेरठ सुभारती डॉ. मोनिका मेहरोत्रा के उपन्यास "तलाश", बिजनौर से गिरीश त्यागी की कविता संग्रह "पावस की प्यास", आगरा से डॉक्टर शैलबाला अग्रवाल की किताब "चिरंजीवी हनुमान", आगरा की दूसरी कवयित्री श्रीमती विजया तिवारी की "बालपोथी", खुर्जा से रेनू तायल श्रीमती स्वयंकार की "गूंज" मैनपुरी से डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह धरम के बालसंग्रह "बचपन के मीत", मैनपुरी के डॉक्टर आनंद प्रकाश आनन्द शाक्य की कृति "डॉ. आनन्द प्रकाश शाक्य के सौ शेर", कानपुर से डॉ. सीमा वर्णिका सम मात्रिक छंद संग्रह "सुकृत" का विमोचन किया गया।
इसके अलावा वृंदावन के स्थानीय कवि अशोक अज्ञ, मोहनलाल गौतम "मोही" एवं जय किशोर त्रिपाठी द्वारा कविता पाठ किया गया।महोत्सव के अंतर्गत जिसमें देश के विभिन्न प्रदेशों से लगभग 45 कवियों का सम्मान किया गया।साथ ही उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं ठाकुरजी का पटुका-प्रसादी-माला आदि भेंट कर "वृन्दावन साहित्य सम्मान" की उपाधि से अलंकृत किया गया।
इस अवसर पर संस्था के सचिव बृज माहिर (फरीदाबाद), कोषाध्यक्ष गार्गी कौशिक (गाजियाबाद), दिल्ली प्रदेश प्रभारी सीमा पटेल, संगठन सचिव सुनीता पूनिया,वृंदावन इकाई के प्रभारी आचार्य विनीत द्विवेदी, सतेंद्र शर्मा, बण्टेश शर्मा, डॉ. आदर्श धनगर, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष एवं इण्टर कालेज, सेरसा के मैनेजर ठाकुर राजवीर सिंह, उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद सेवारत के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. देव प्रकाश, डॉ रामबहादुर भदौरिया, शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रजत शुक्ला आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।कार्यक्रम का संचालन संस्था के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय एवं संस्था के महासचिव डॉ. ओंकार त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से किया।
संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक राष्ट्रगान के साथ हुआ।