प्राचीन वन विहार आचार्य पीठ टोपी कुंज में 45 वर्षों से अनवरत रूप से चल रहा है श्रीमद्भागवत मूल पारायण

वृन्दावन।रमणरेती-परिक्रमा मार्ग स्थित प्राचीन वन विहार (आचार्य पीठ टोपी कुंज) में जगदगुरू निंबार्काचार्य श्रीश्रीललिताशरण देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में चल रहे

प्राचीन वन विहार आचार्य पीठ टोपी कुंज में 45 वर्षों से अनवरत रूप से चल रहा है श्रीमद्भागवत मूल पारायण

प्राचीन वन विहार आचार्य पीठ टोपी कुंज में 45 वर्षों से अनवरत रूप से चल रहा है श्रीमद्भागवत मूल पारायण 

वृन्दावन।रमणरेती-परिक्रमा मार्ग स्थित प्राचीन वन विहार (आचार्य पीठ टोपी कुंज) में जगदगुरू निंबार्काचार्य श्रीश्रीललिताशरण देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में चल रहे आद्याचार्य अनंतश्री विभूषित जगद्गुरू निंबार्काचार्य श्रीमन्मुकुंद देवाचार्य पीठाधिपति सदगुरुदेव सनत्कुमार दास देवाचार्य महाराज के 46वें द्वादश दिवसीय स्मृति महोत्सव के अंतर्गत अखंड श्रीमद्भागवत मूल पारायण पाठ के 45 वर्ष पूर्ण होने पर सदगुरुदेव के सानिध्य में श्रीमद् भागवत का भगवान के 1100 नाम से और श्री गोपाल मंत्र से अर्चन किया गया।जिसमें सभी भक्तों-संतों ने भाग लिया।


वन विहार के अध्यक्ष श्रीश्रीललिताशरण देवाचार्य महाराज ने कहा कि वन विहार (आचार्य पीठ टोपी कुंज) में अखण्ड  श्रीमद्भागवत का मूला पाठ 45 वर्ष से अनवरत रूप से होता चला आ रहा है। साथ ही 200 से भी अधिक गौ माताओं की सेवा, साधु सेवा एवं विद्यार्थियों की सेवा संचालित हो रही है।


महोत्सव के अंतर्गत ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर गोपाल चतुर्वेदी ने जगद्गुरु निंबार्काचार्य ललिता शरण देवाचार्य महाराज का उनके द्वारा धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में की गई अविस्मरणीय सेवाओं के लिए माल्यार्पण कर और शॉल ओढ़ा कर सम्मान किया।पंडित रामनिवास शास्त्री ने कहा कि महोत्सव के अंतर्गत प्राचीन वन विहार में चल रहा त्रिदिवसीय श्रीमहावाणी समाज गायन धूमधाम से संपन्न हुआ। 27 दिसंबर को स्मृति महोत्सव के उपलक्ष में संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा आदि कार्यक्रम संपन्न होंगे।

महोत्सव में भागवताचार्य महावीर शरण शास्त्री, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, डॉ. राजेश सूद, श्याम सुंदर शर्मा, एडवोकेट स्वाति शुक्ला, भजन गायक चन्दन महाराज, रासाचार्य पुलिन बिहारी शर्मा, राम लखन बाबा, सुनील मिश्रा, सुधा बहनजी,डॉ. हेमंत, परशुराम श्रोत्री, सुदामा शास्त्री, हरिबल्लभ, नारंगजी (दिल्ली), डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य ब्रज वल्लभ शास्त्री, डॉक्टर अनिल, हरिदास बाबा, संजीव, दिनेश, सतीश मिश्रा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।