UP प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मैं बड़ी धांधली

UPPCB ने जो टेंडर निकाले थे जिसके अंतर्गत लखनऊ और वाराणसी में स्मोग टावर लगने हैं। उसमे अधिकारियों ने अपनी पूरी मनमानी करते हुए

UP प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मैं बड़ी धांधली

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अधिकारियों की मनमानी चरम पर

UPPCB ने जो टेंडर निकाले थे जिसके अंतर्गत लखनऊ और वाराणसी में स्मोग टावर लगने हैं। उसमे अधिकारियों ने अपनी पूरी मनमानी करते हुए नियमों को तक पर रखकर टेंडर जारी करने के आदेश दिए हैं। Uttar Pradesh Pollution Control Board द्वारा 22. सितंबर 2023 को जो निविदा दी गयी। इस निविदा में 2 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। लेकिन इसमें जो कपनी योग्य नहीं थी उसको प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मनमाने ढंग से योग्य ठहरा कर उसको टेंडर दे दिया गया।

अब सवाल पैदा होता है कि जबकि उक्त कंपनी के पास पूर्ण प्रमाण पत्र और योग्यता दोनों ही नहीं थे जिस कंपनी के पास पूर्ण प्रमाण पत्र और योग्यता थी,उसके डॉक्युमेंट्स को निरस्त कर दिया गया।  प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने भारी भरकम टेंडर मनमानी ढंग से जारी कर दिया जबकि अब छोटे से छोटा टेंडर भी ऑनलाइन डाला जाता है इसमें धांधली होना न के बराबर है क्यूंकि ऑनलाइन के द्वारा वही कंपनी टेंडर डाल सकती है. जिसके सभी पेपर पूर्ण हों। और जो कार्य करने योग्य हो।

उसके बाद भी ऐसा हुआ। एक अयोग्य कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए UPPCB ने एक योग्य कंपनी अयोग्य ठहरा दिया। जिसमें भारी लेनदेन और रिश्वतखोरी की बू आती दिख रही है भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा यह कार्य राम ऑनलाइन माध्यम को नजर अंदाज करते  हुए नियमों को ताप पर रखकर किया जिन दो कंपनी द्वारा निविदा में हिस्सा लिया गया. वह २ कंपनी इस प्रकार हैं। विक्ट्री ट्रेडिंग कंपनी जो समस्त कागजातों के साथ ऑनलाइन टेंडर माध्यम से टेंडर हेतु गई थी  जिसकी प्रोप्रिटेर  वीणा भार्गव हैं। यह कंपनी अयोग्य है। इस कंपनी के पास कार्य का कोई खास तज़ुर्बा नहीं है,पूर्ण प्रमाण पत्र भी नहीं हैं।  

मगर उक्त कंपनी को सभी नियमों को तक पर रखकर टेंडर जारी कर दिया गया उक्त टेंडर में भारी अनियमित आए हैं जिसकी जांच वरिष्ठ अधिकारियों को करनी चाहिए

फिर भी इस कंपनी को 34999000 कुल मूल्य का कार्य किस आधार पर दे दिया गया जबकि जाम पोर्टल और टेंडर नियमावली में उक्त कंपनी कभी भी फिट नहीं होती मगर अधिकारियों की कृपया के चलते उक्त कंपनी को टेंडर जारी कर दिया गया वही ज़ील्म एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ,जिसके डायरेक्टर पारस बछावत हैं,यह कंपनी इस कार्य को करने योग्य है. इस कंपनी के पास पूर्ण प्रमाण पत्र और तज़ुर्बा होने के बाद भी इनकी निविदा को अधिकारियों की मिली भगत के चलते निरस्त कर दिया गया। क्या यह सही है?  महान अधिकारियों की महान कृपया के चलते अयोग्य को योग्य और योग्य को आरोग्य ठहरा दिया गया। सिर्फ अपने फायदे के लिए ,इस टेंडर की जाँच होनी चाहिए। तभी स्प्ष्ट होगा। Uttar Pradesh Pollution Control Board में किसको कहाँ कहाँ फायदा हुआ।

कार्य इस प्रकार है:जो GEM पोर्टल के द्वारा डाला गया,supply Installation Commissioning and OM for 5 years of Smog Tower'Bid Number:GEM/2023/B/3913667 & Dated:04-09-2023


उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा घनकौर एनीमिता के चलते अपनी पसंद कंपनियों को मानव को को नजर अंदाज करते हुए टेंडर जारी करने का यह सिलसिला लगातार जारी है इन भ्रष्ट अधिकारियों पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वरिष्ठ अधिकारियों से विनम्र निवेदन है कि उक्त टेंडर की जांच करते हुए उचित कार्रवाई करें