गाजियाबाद में BJP की जीत का चौका

गाजियाबाद। पश्चिमी यूपी में भाजपा का अभेद्य दुर्ग कहे जाने वाली गाजियाबाद लोकसभा सीट पर लगातार चौथी बार भगवा परचम लहराया है।

गाजियाबाद में BJP की जीत का चौका

गाजियाबाद में BJP की जीत का चौका

Ghaziabad पश्चिमी यूपी में भाजपा का अभेद्य दुर्ग कहे जाने वाली गाजियाबाद लोकसभा सीट पर लगातार चौथी बार भगवा परचम लहराया है। भाजपा के उम्मीदवार और सदर विधायक अतुल गर्ग ने कांग्रेस की डॉली शर्मा को 3.36 लाख से ज्यादा वोटों से हराकर शानदार जीत दर्ज की है। बसपा उम्मीदवार नंद किशोर पुण्डीर तीसरे स्थान पर रहे। उनकी जमानत राशि जब्त हो गई। अतुल गर्ग और डॉली शर्मा के अलावा कोई भी उम्मीदवार अपनी जमानत राशि नहीं बचा पाया। इसके लिए 2.41 लाख वोटों की जरूरत थी।


पांचों विधान सभा क्षेत्र में खिला कमल


अतुल गर्ग को 8,54,170, डॉली शर्मा को 5,17,205 और नंद किशोर पुण्डीर को 79,525 वोट मिले। जीत का अंतर 3,36,965 रहा। यह पिछले चुनाव के मुकाबले कम है। 2019 में वीके सिंह 5.67 लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे। इस बार गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में आने वाले पांचों विधानसभा क्षेत्र गाजियाबाद सदर, साहिबाबाद, लोनी, मुरादनगर और धौलाना में कमल का फूल खिला। पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह क्षत्रियों के गढ़ साठा-चौरासी वाले धौलाना क्षेत्र में पिछड़ गए थे।

गोविंदपुरम अनाज मंडी में मंगलवार सुबह आठ बजे शुरू हुई वोटों की गिनती में पहले ही चरण में अतुल गर्ग ने बढ़त बना ली। यह आखिरी चरण तक जारी रही। भाजपा ने दो बार के सांसद वीके सिंह का टिकट काटकर अतुल गर्ग को उम्मीदवार बनाया था। अतुल गर्ग को 58.16 और डॉली को 35.21 प्रतिशत वोट मिले हैं। डॉली की यह लगातार दूसरी हार है। वह एक बार मेयर का चुनाव भी हार चुकी हैं। इस तरह हार की हैट्रिक लग गई है।

अतुल गर्ग की जीत से सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय हो गया है। 20 साल बाद ऐसा मौका दूसरी बार आया है। इससे पहले 2004 में कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र गोयल विधायक होते हुए लोकसभा का चुनाव जीते थे। पोस्टल बैलेट में भी अतुल गर्ग को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं।

अतुल गर्ग के रूप में गाजियाबाद को 15 साल बाद स्थानीय सांसद मिला है।

परिसीमन के बाद यह पहला मौका है जब बाहरी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली है। तीन चुनाव में एक बार राजनाथ सिंह और दो बार वीके सिंह जीते। दोनों बाहर के रहने वाले थे। परिसीमन से पहले 2004 में कांग्रेस के सुरेंद्र गोयल जीते थे। वह भी गाजियाबाद के ही निवासी थी। उनके अलावा 1980 में जीते अनवर अहमद और 1989 में जीते केसी त्यागी भी स्थानीय थे। अन्य सभी सांसद बाहर के रहने वाले थे।

अतुल गर्ग की जीत से क्षत्रिय समाज के उम्मीदवारों की जीत का तीन चुनाव से चला आ रहा सिलसिला भी टूट गया। 2009 में राजनाथ सिंह, 2014 और 2019 में वीके सिंह जीते थे। दोनों क्षत्रिय समाज से हैं। 1991 से 2019 तक आठ में से सात बार क्षत्रिय समाज के उम्मीदवार ही जीते। इनमें 1991 से 2004 तक चार बार भाजपा के रमेश चंद तोमर जीते थे। उनकी जीत का रथ कांग्रेस के सुरेंद्र गोयल ने रोका था।

इस तरह दोनों बार क्षत्रिय समाज के उम्मीदवारों का विजय रथ वैश्य समाज के उम्मीदवार ने ही रोका है।