जिला पंचायत : बैरियर वसूली का भी लाखों रुपये खा गए अफसर
कौशाम्बी, 10 नवंबर । जिला पंचायत की हुई ऑडिट से हड़कंप मचा है। 20 करोड़ के भुगतान पर आपत्तियां दर्ज कराते हुए अफसरों को उत्तरदायी बनाया गया है।
कौशाम्बी, 10 नवंबर जिला पंचायत की हुई ऑडिट से हड़कंप मचा है। 20 करोड़ के
भुगतान पर आपत्तियां दर्ज कराते हुए अ
फसरों को उत्तरदायी बनाया गया है। अंधेरगर्दी यह कि बैरियर
वसूली के रुपये भी सरकारी कोष में नहीं जमा हुए।
ऐसा कोई मद नहीं जिसमें धनराशि के दुरुपयोग
की ऑडिट आपत्ति नहीं है।
ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी होते ही जिला पंचायत में खलबली मच गई
है।
जिला पंचायत में घोटालों की पूरी एक फेहरिश्त है। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2020-21 तक अफसरों ने
सरकारी धन का दुरुपयोग किया। यूं कह लीजिए कि कागज पर ही प्रस्ताव, कागज पर ही काम हुआ
और अफसरों ने रुपये निकाल लिए। बालू परिवहन शुल्क के लिए बैरियर लगाए गए थे। बैरियर पर
शुल्क वसूला गया। रुपये की जमकर वसूली हुई, लेकिन ऑडिट आपत्ति कह रही है कि यह शुल्क
सरकारी कोष में जमा ही नहीं हुआ। ऑडिट टीम ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। बैरियर का
ठेका कितने का था, वसूली का लक्ष्य क्या था, इसका कहीं कोई जिक्र ही नहीं किया गया था। यही
हाल अन्य कार्यों का है। पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना का भी प्रकोप था। अधिकारियों ने इसका
पूरा फायदा उठाया। ऐसा कोई मद ही नहीं बचा था, जिसमें गड़बड़ी न रही हो। राजस्व वसूली में भी
खिलवाड़ किया गया था। तहबाजारी से लेकर अन्य प्रकार से होने वाले राजस्व आय में गड़बड़ी की
गई और सरकारी कोष में रुपया नहीं जमा किया गया।
नहीं उठाए मृत मवेशी, खर्च कर दिए रुपये
जिला पंचायत क्षेत्र में मवेशियों की मृत्यु होने पर उसको उठवाकर निर्धारित जगह पर पहुंचाया जाता
है। मृत मवेशियों के शवों को उठाने के नाम पर भी जिला पंचायत से भुगतान हुआ है। लेकिन कब
और कहां से मृत मवेशियों के शव उठाए गए हैं, इसका कोई लेखा-जोखा नहीं दिया गया। ऑडिट
टीम ने इसे गंभीर अनियमितता की श्रेणी में रखा है और संबंधित अफसर की जिम्मेदारी तय की है।
यात्री शेड के नाम पर भी खिलवाड़
जिला पंचायत से चौराहा व प्रमुख बाजारों में यात्री शेड लगवाए गए थे, ताकि यात्रियों को धूप, बारिश
में परेशानी न हो और वाहन के इंतजार में वह आराम से बैठ सकें। 64 यात्री शेड लगवाए गए थे।
यात्री शेड के निर्माण में भी गड़बड़ी हुई है। जिला पंचायत में इसको लेकर भी अब घमासान मचा है।
आपत्तियों पर मांगी रिपोर्ट
जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायत ने अपर मुख्य अधिकारी को वर्ष 2017-
18 से लेकर वर्ष 2020-21 तक ऑडिट आपत्ति भेज दी है। साथ ही उनसे आपित्तयों के अनुपालन
की आख्या रिपोर्ट मांगी है। आपत्तियों को देखकर अधिकारियों के होश उड़े हैं।