पुण्य कमाने संगम नगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब

प्रयागराज, 21 जनवरी । माघ मेला क्षेत्र में मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर शुक्रवार से ही श्रद्धालुओं के आने का जो सिलसिला जारी हुआ वह अभी जारी है।

पुण्य कमाने संगम नगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब

प्रयागराज, 21 जनवरी ( माघ मेला क्षेत्र में मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर शुक्रवार से
ही श्रद्धालुओं के आने का जो सिलसिला जारी हुआ वह अभी जारी है। भारी संख्या में स्नानार्थियों की


भीड़ गंगा किनारे बने कुल 15 घाटों पर स्नान के लिए जुटी है।श्रद्धालु अपनी मनोकामना प्राप्ति के
लिए पूजा-अर्चना भी कर रहे हैं।

शनिवार को सुबह पुलिस उपायुक्त नगर ने बताया कि सुबह छह
बजे तक लगभग 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।

श्रद्धालु स्नान कर अपने घर की
ओर प्रस्थान भी कर रहे हैं।


मौनी अमावस्या पर पुण्य लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी
आज संगम में डुबकी लगायी।

काशी सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि मौनी
अमावस्या 21 जनवरी को प्रातः 05.19 से प्रारम्भ हो जायेगा जो रात्रि 02.49 तक रहेगा। जिसमें


समस्त श्रद्धालु पुण्य अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा मौनी अमावस्या के दिन जो भी स्नान
ध्यान करता है, उसके कई जन्मों के पापों का नाश हो जाता है और साथ ही आज शनिवार का दिन


होने से भी इसका विशेष महत्व है। जबकि पिछली मौनी अमावस्या मंगलवार को पड़ी थी।
दण्डी सन्यासी के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज बताते हैं कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर


संगम में स्नान करने से जाने-अनजाने में हुए समस्त पाप नष्ट हो जातें हैं। ये पवित्र पल मनुष्य को
आत्मशुद्धि का सुअवसर प्रदान करता है।

मौनी अमावस्या पर स्वर्गलोक से देवता भी संगम में
स्नान करने आते हैं।

उन्होंने कहा कि तन व मन से पवित्र व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति
होती है। उक्त विधि पर तन, मन और वाणी को पवित्र रखना चाहिए।


इस अवसर पर पुलिस प्रशासन के व्यवस्था की बात की जाए तो चप्पे-चप्पे पर पुलिस निगरानी कर
रही है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। वाहनों को बकायदा वाहन स्टैंडों पर खड़ा करने की


व्यवस्था है और डायवर्जन की समुचित व्यवस्था की गई है। ताकि किसी भी श्रद्धालु या स्थानानार्थी
को किसी भी प्रकार की समस्या ना होने पाए। प्रशासन ने ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का


अनुमान लगाया है। बता दें कि, माघ मास की मौनी अमावस्या की प्रतीक्षा श्रद्धालुओं को साल भर
से रहती है। क्योंकि इस दिन संगम स्नान से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

माघ मास की अमावस्या तिथि अर्थात मौनी अमावस्या पर स्नान-दान करने पर मनोवांछित फल की
प्राप्ति होगी। मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए शुक्रवार को दिन व रात भर में


श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी रहा। मौनी अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है।
बता दें कि, मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए उमड़ी भीड़ के बीच आधी रात शुरू


हुई बारिश ने लाखों श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ा दी। माघ मेला क्षेत्र में सड़कों और पटरियों पर जमे
बड़ी संख्या में लोग भीग कर ठिठुरते रहे। इससे लोग ठंड के साथ बारिश की दोहरी मार का सामना


करने के लिए मजबूर हो गए। रात करीब 12 बजे बारिश शुरू होने से माघ मेला क्षेत्र में आफत सी


आ गई। करीब आधे घंटे तक हुई बारिश में शिविरों का हाल बेहाल हो गया। लेकिन आज सुबह
मौसम साफ होने से रौनक आ गई।