फरियादियों की कॉल पर पहुंचने में सबसे तेज गाजियाबाद पुलिस
किसी भी वारदात के बाद घटनास्थल पर पहुंचने के रेस्पांस टाइम के मामले में कमिश्नरेट गाजियाबाद पुलिस की प्रदेश में बादशाहत लगातार कायम है।
किसी भी वारदात के बाद घटनास्थल पर पहुंचने के रेस्पांस टाइम
के मामले में कमिश्नरेट गाजियाबाद पुलिस की प्रदेश में बादशाहत लगातार कायम है। 6:23 मिनट के
रेस्पांस टाइम के साथ कमिश्नरेट पुलिस ने लगातार सातवीं बार प्रदेश में नंबर वन रैंक हासिल की है।
जबकि 7:09 मिनट के रेस्पांस टाइम के साथ गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट दूसरे और 13:01 मिनट
के रेस्पांस टाइम के साथ प्रयागराज कमिश्नरेट की पुलिस फिसड्डी साबित हुई है।
पुलिस कमिश्नर का कहना है कि फरियादियों तक पहुंचने के रेस्पांस टाइम को और कम करने के प्रयास
किए जा रहे हैं। पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने बताया कि शासन द्वारा डायल.112 के रेस्पांस
टाइम को लेकर जारी की गई नवम्बर माह की रैंकिंग सूची में गाजियाबाद पुलिस पहले स्थान पर है। यह
सातवीं बार है जब गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस डायल.112 के रेस्पांस टाइम के मामले में लगातार
नंबर वन साबित हुई है।
आंकड़ा बताता है कि हर माह डायल.112 के घटते रेस्पांस टाइम के साथ गाजियाबाद पुलिस प्रदेश में
नंबर वन बनी हुई है। गाजियाबाद पुलिस ने जहां सितम्बर माह में 6:31 मिनट के रेस्पांस टाइम के
साथ प्रदेश में नंबर वन रैंक हासिल की थी। वहीं, अक्तूबर माह में पुलिस और घटे 6:25 मिनट के
रेस्पांस टाइम के साथ नंबर वन रैंक पर काबिज रही। शासन द्वारा नवम्बर माह की जो रैंकिंग सूची
जारी की गई है उसमें गाजियाबाद पुलिस महज 6:23 मिनट के रेस्पांस टाइम के साथ नंबर वन रैंक पर
बनी हुई है।
आंकड़ा बताता है कि गाजियाबाद के साथ साथ पुलिस कमिश्नरेट बनी प्रयागराज की पुलिस रेस्पांस
टाइम के मामले में गाजियाबाद पुलिस से दोगुने से भी ज्यादा के अंतर से पीछे है। डायल .112 पर
कॉल आने के बाद जहां गाजियाबाद पुलिस 6:23 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचती है। वहीं, प्रयागराज
की पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में 13:01 मिनट का समय लग रहा है। बतादें कि गाजियाबाद में
कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के समय डायल.112 के रेस्पांस टाइम के मामले में गाजियाबाद पुलिस का
प्रदेश में 10वां स्थान था। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि उनका प्रयास रेस्पांस टाइम को 6 मिनट से
भी कम करने का है। वह चाहते हैं कि फरियादी द्वारा किसी भी घटना को लेकर की गई कॉल के बाद
पुलिस कम से कम समय में घटनास्थल पर पहुंच कर न सिर्फ समस्या का निदान करे बल्कि,
अपराधियों पर भी शिकंजा कस सके।