रोजगार करने वाली महिलाओं की संख्या में आंशिक वृद्धि : एनएफएचएस सर्वेक्षण
नई दिल्ली, 07 मई (। भारत में 15 से 49 साल उम्र की केवल 32 प्रतिशत विवाहित महिलाओं के पास रोजगार है। हालांकि, इनमें से 83 प्रतिशत को नकद आय होती है
नई दिल्ली, 07 मई (भारत में 15 से 49 साल उम्र की केवल 32 प्रतिशत विवाहित महिलाओं के पास
रोजगार है। हालांकि, इनमें से 83 प्रतिशत को नकद आय होती है जबकि 15 प्रतिशत को कोई भुगतान नहीं किया
जाता। यह खुलासा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 में हुआ है जो वर्ष 2019-21 के दौरान
कराया गया था। इस प्रकार एनएफएचएस सर्वेक्षण-4 के दौरान इस आयुवर्ग की 31 प्रतिशत महिलाओं के मुकाबले
सर्वेक्षण-5 में रोजगार परक महिलाओं की संख्या 32 प्रतिशत हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक कमाई करने वाली
महिलाओं की संख्या में भी इस दौरान तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
एनएफएचएस के नवीनतम सर्वेक्षण में पुरुषों के रोजगार दर में कोई बदलाव नहीं देखा गया है। हालांकि, नकद
कमाने वालों की संख्या इस अवधि में 91 प्रतिशत से बढ़कर 95 प्रतिशत हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में
15 से 49 वर्ष आयुवर्ग की केवल 32 प्रतिशत महिलाएं रोजगार से जुड़ी हैं जबकि उनकी तुलना में इसी आयुवर्ग के
पुरुषों में यह दर 98 प्रतिशत है। काम करने वाली लड़कियों और महिलाओं में 83 प्रतिशत नकद कमाती हैं जिनमें
से आठ प्रतिशत वे हैं जिन्हें वेतन नकद और अन्य माध्यमों से मिलता है। वहीं, इस आयुवर्ग की 15 प्रतिशत काम
करने वाली महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें उनके काम के लिए भुगतान नहीं किया जाता।
सर्वेक्षण के मुताबिक महिलाओं की तुलना में इस आयुवर्ग में काम करने वाले 95 प्रतिशत पुरुष नकद कमाते हैं
जबकि चार प्रतिशत को उनके काम के लिए भुगतान नहीं किया जाता। सर्वेक्षण के मुताबिक 15 से 19 वर्ष
आयुवर्ग की काम करने वाली 22 प्रतिशत लड़कियों और महिलाओं को उनके काम की कोई पारितोषिक नहीं
मिलती। हालांकि, 25 साल और इससे अधिक उम्र की काम करने वाली महिलाओं में पारितोषिक नहीं मिलने की
दर कम है और यह 13 से 17 प्रतिशत के बीच है। सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘‘एनएफएचएस-4 के बाद के चार साल में
स्वयं कमाने का फैसला लेने वाली महिलाओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है और यह 82 प्रतिशत से बढ़कर 85
प्रतिशत हो गई है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि पति के बराबर या अधिक कमाने वाली महिलाओं की संख्या एनएफएचएस-4 के मुकाबले
घटी है और यह 42 प्रतिशत से कम होकर 40 प्रतिशत पर आ गई है। उल्लेखनीय है कि नवीनतम एनएचएफएस
सर्वेक्षण में 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेश के 707 जिलों के 6.37 लाख परिवारों को शामिल किया गया
है। इस सर्वेक्षण में 7,24,115 महिलाओं और 1,01,839 पुरुषों ने हिस्सा लिया है। राष्ट्रीय रिपोर्ट सामाजिक-आर्थिक
और अन्य मानकों पर भी आंकड़ा उपलब्ध कराता है, जो नीति बनाने और प्रभावी तरीके से लागू करने में सहायक
है।
पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुतरेजा ने कहा कि ये आंकड़े महिलाओं के जीवन
में उल्लेखनीय बदलाव को इंगित नहीं करते।