श्रीगौडीय वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र है शालिग्राम कुटी आश्रम
वृन्दावन।कालीदह क्षेत्र स्थित कालिंदी विहार कॉलोनी के शालिग्राम कुटी आश्रम में ठाकुर श्रीराधा गोविंद देव महाराज का वार्षिक महोत्सव महंत रमणरेती महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।
वृन्दावन।कालीदह क्षेत्र स्थित कालिंदी विहार कॉलोनी के शालिग्राम कुटी आश्रम में ठाकुर श्रीराधा गोविंद देव महाराज का वार्षिक महोत्सव महंत रमणरेती महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।जिसके अंतर्गत ठाकुर श्रीराधा गोविंद देव महाराज का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पञ्चामृत से अभिषेक किया गया।तत्पश्चात संतों एवं भक्तों के द्वारा संगीतमय श्रीहरिनाम संकीर्तन किया गया।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए महंत जगन्नाथदास शास्त्री महाराज एवं महन्त रामदेव चतुर्वेदी ने कहा कि शालिग्राम कुटी आश्रम श्रीगौडीय वैष्णव संप्रदाय का एक प्रमुख केंद्र है।जिसके द्वारा देश भर में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन उत्सवों की भूमि है।यहां नित्य प्रति किसी न किसी रूप में ठाकुर श्रीकृष्ण और उनकी आल्हादिनी शक्ति स्वरूपा श्रीराधा रानी के उत्सव मनाए जाते हैं।इन्हीं उत्सवों से वैदिक सनातन संस्कृति पल्लवित व पोषित होती है।
महंत संतदास महाराज एवं महंत चन्द्रदास महाराज ने कहा कि महंत रमणरेती दास महाराज त्याग व तपस्या के मूर्तिमान स्वरूप हैं। जिन्होंने अपना समूचा जीवन अपने आराध्य ठाकुर श्रीराधा गोविंददेव महाराज की सेवा में समर्पित किया है।इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी भक्तानंद हरि साक्षी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी नवलगिरि महाराज, स्वामी भागवताचार्य महाराज, महन्त राधिका दास महाराज, स्वामी गंगानन्द महाराज (कोतवाल), साध्वी कृष्णा दासी, स्वामी भक्ति तीर्थ महाराज, भागवताचार्य साध्वी आशानंद शास्त्री, महंत योगेश दास महाराज, महंत प्रिया शरण महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, आशुतोष दास आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
शालिग्राम कुटी आश्रम में के महंत रमणरेती दास महाराज ने महोत्सव में पधारे सभी विद्वानों का ठाकुरजी का पटुका प्रसादी माला भेंट करके स्वागत व अभिनंदन किया।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।