याद रहे जितना कम सामान उतना सुखी जीवन

संगीत, रोशनी और ऑफर्स का ऐसा तालमेल किया जाता है कि न चाहते हुए भी व्यक्ति काफी कुछ खरीदारी कर डालता है। एक के साथ एक फ्री या इसके साथ वो फ्री वाली जादुई स्कीमें किसे नहीं भायेंगी भला। धीरे धीरे हमें महसूस हुआ कि घर में अनेक ऐसी वस्तुएं एकत्र होती जा रही थीं, जिनकी

टॉकिंग पॉइंट्स 

नरविजय यादव

पहले मुझे मेला, प्रदर्शनी और बाजार में घूमना बहुत अच्छा लगता था। युवावस्था में करीब करीब सभी का यही हाल होता है। मेलों में जो रंगबिरंगे स्टॉल लगते हैं उन पर नयी नयी तरह की लुभावनी वस्तुएं आकर्षक दामों पर मिलती हैं। संगीत, रोशनी और ऑफर्स का ऐसा तालमेल किया जाता है कि न चाहते हुए भी व्यक्ति काफी कुछ खरीदारी कर डालता है। एक के साथ एक फ्री या इसके साथ वो फ्री वाली जादुई स्कीमें किसे नहीं भायेंगी भला। धीरे धीरे हमें महसूस हुआ कि घर में अनेक ऐसी वस्तुएं एकत्र होती जा रही थीं, जिनकी जरूरत ही नहीं थी लेकिन उन्हें संभाल कर रखना पड़ रहा था। ऐसी चीजों में पैसा लगा होता है, इसलिए उनकी केयर करनी पड़ती है, भले ही उनका काम नहीं होता है। ऐसी चीजों को किसी कबाड़ी को देना भी खलता है।

 

खरीदारी करते समय लोग यदि इस बात का ध्यान रखें कि जो हम ले रहे हैं वो चीज पैसा कमाने में मददगार होगी या हमारे ऊपर बोझ बनेगी। रॉबर्ट कियोसाकी की विश्व प्रसिद्ध किताब – रिच डैड पुअर डैड में इस बात को बहुत अच्छे से समझाया गया है। उसमें लेखक ने असेट और लायबिलिटी शब्दों का प्रयोग बहुत अधिक बार किया है। असेट वह चीज होती है जो हमारी जेब में पैसा डालती है, जबकि लायबिलिटी वह चीजें हैं जिनकी वजह से जेब से पैसा निकलता या खर्च होता रहता है। यानी कुछ भी खरीदते समय मन ही मन यह अवश्य सोचना चाहिए कि इस चीज के जीवन में आने से आय बढ़ेगी या खर्च बढ़ेगा। यह समझदारी आपको अमीर बनने में मदद कर सकती है। किसी बुद्धिमान ने ठीक ही कहा है कि आपको अमीर कहा जा सकता है यदि आपका पैसा बिना आपके प्रयास के और अधिक पैसा कमा रहा होता है। अगर आपको पैसे कमाने के लिए हर बार मेहनत करनी पड़ती है, तो इसका मतलब है कि आप अमीर नहीं हैं।

 

पैसे की समझ यानी वित्तीय साक्षरता आपको अमीर बना सकती है। बजट, बचत और निवेश को सही रूप में अपनाना ही वित्तीय साक्षरता है। पहला कदम है पैसा कमाना, जो सबसे महत्वपूर्ण है, और जब आपके पास खूब पैसा या पर्याप्त आय हो, तो दूसरा कदम है उस पैसे का उचित रूप से उपयोग करना। दुनिया के सबसे कामयाब निवेशक वारेन बफेट ने एक बार कहा था, "कभी भी ऐसे व्यवसाय में निवेश  करें जिसे आप ठीक से नहीं जानते हैं।" भविष्य की अनजानी जरूरतों की खातिर एक इमर्जेंसी फंड बनाकर रखना भी बुद्धिमानी की बात है। अपनी आय में से 10 प्रतिशत हिस्सा भविष्य की जरूरतों के लिए जरूर निकालते रहें। कम से कम छह माह तक आपका जीवन बिना रोजगार के चलता रहे इतना पैसा इस फंड में अवश्य रखना चाहिए। बाजार में नयी से नयी चीजें आती रहती हैं, लेकिन उन्हें खरीदने से पहले यह अवश्य सोचें कि इसे लेने से आपका जीवन बेहतर होगा और इसे खरीदने से क्या आपकी आय में वृद्धि होगी। एकदम से नयी चीजें खरीदने से पहले प्रतीक्षा करें और अतिरिक्त दाम चुका कर तो हरगिज न खरीदें। थोड़े समय बाद वही वस्तु किफायती दाम पर मिलने लगती है। मोबाइल फोन और ऐसी ही इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के साथ ऐसा अक्सर होता है कि कुछ समय बाद उनकी कीमत गिरने लगती है।

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नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं। 

ईमेल: narvijayindia@gmail.com