अफसरों और बिल्डरों की सांठगांठ से हो रहा अवैध अतिक्रमण

गाजियाबाद जीडीए वीसी की सख्ती के बाद भी प्राधिकरण का प्रवर्तन विभाग अपनी मनमानी पर उतरा हुआ है। शहर में जगह-जगह अवैध निर्माण चल रहे हैं। जीडीए में तैनात रहे एक जेई की इमारत इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है।

अफसरों और बिल्डरों की सांठगांठ से हो रहा अवैध अतिक्रमण

गाजियाबाद जीडीए वीसी की सख्ती के बाद भी प्राधिकरण का प्रवर्तन विभाग अपनी मनमानी पर उतरा हुआ है। शहर में जगह-जगह अवैध निर्माण चल रहे हैं।

जीडीए में तैनात रहे एक जेई की इमारत इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है। दरअसल, कभी जीडीए में जेई रहे अब प्रदेश के अन्य जनपद में तैनात जेई गाजियाबाद के शास्त्री नगर जोन चार में बाबुलंद अवैध इमारत तामीर करा रहे हैं। शिकायत के बाद भी जीडीए का पीला पंजा खामोश है। अधिक शिकायतों के चलते जीडीए ने सीलिंग की कार्रवाई कर रस्म अदायगी कर दी, लेकिन जेई का कारनामा देखिए सील तोडकर निर्माण कार्य पूरा करा दिया गया।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को गाजियाबाद विनाश प्राधिकरण बनाने में सबसे बड़ा हाथ प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों का बताया जा रहा है। प्रवर्तन विभाग और बिल्डरों की सांठगांठ के चलते शहर में अवैध निर्माण खूब फलफूल रहा है। आरोप है कि जीडीए के प्रवर्तन विभाग में तैनात कुछ अधिकारी सांठगांठ के जरिए अवैध निर्माण को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। शहर में जगह-जगह अवैध निर्माण चल रहे हैं।

जिन पर कार्रवाई करना तो दूर प्रवर्तन विभाग के अधिकारी आंख बंद कर बैठे हैं। शिकायतों के बावजूद अवैध निर्माण पर अधिकारी किसी प्रकार की कार्रवाई करने से बचते हैं। कभी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में जेई रहे धीरज यादव अब किसी अन्य प्राधिकरण में सेवाएं दे रहे हैं लेकिन वे गाजियाबाद के शास्त्री नगर में एसएफ-9 प्लांट पर आलीशान और बाबुलंद इमारत तामीर करा रहे है। नियम विरुद्ध बना रही इमारत में धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहा है। शहर के लोग इस इमारत पर पीला पंजा चलने की प्रतीक्षा कर रहे है।

इस इमारत पर पीला पंजा चलाने के लिए जीडीए में लोगों द्वारा कई बार शिकायत भी दी गई है लेकिन जीडीए के अधिकारियों ने इसका भी हल निकाल दिया और शास्त्री नगर स्थित एसएफ-9 में बन रही इमारत पर सील लगा दी। इसके बाद जेई धीरज यादव को सील लगने का भरपूर फायदा मिला और इमारत में सील लगी होने के बाद भी निर्माण कार्य जारी रखा। जबकि शिकायत मिलने के बाद जिस गति से जीडीए के प्रवर्तन विभाग को इस इमारत पर पीला पंजा चलाकर एक मिसाल कायम करनी चाहिए थी वह नहीं की गई

और अवैध निर्माण पर सील की कार्रवाई कर रस्म अदायगी की गई। मामला इससे भी आगे गया और कभी जीडीए में जेई रहे धीरज यादव ने कुछ दिन बाद जीडीए द्वारा लगाई गई सील को तोड दिया और इमारत का निर्माण कार्य लगभग पूरा करा लिया। इस इमारत में जेई द्वारा बकायदा दुकान बना दी गई है।

इमारत में सील तोडने जाने की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा जीडीए से की गई तब जीडीए के अधिकारियों ने दोबारा सील लगा दी लेकिन जेई धीरज यादव पर किसी प्रकार का मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया गया। इस पूरे प्रकरण में जीडीए का प्रवर्तन विभाग सवालों के घेरे में है।