अल्ट्रासाउंड केंद्रों में टेक्नीशियन मरीजों की जांच कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के औचक निरीक्षण में इसका खुलासा

जिले के अल्ट्रासाउंड केंद्रों में टेक्नीशियन मरीजों की जांच कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के औचक निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ।

अल्ट्रासाउंड केंद्रों में टेक्नीशियन मरीजों की जांच कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के औचक निरीक्षण में इसका खुलासा

जिले के अल्ट्रासाउंड केंद्रों में टेक्नीशियन मरीजों की जांच कर रहे
हैं। शुक्रवार को प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के औचक निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ। मोदीनगर के
अल्ट्रासाउंड केंद्र में रेडियोलॉजिस्ट के स्थान पर टेक्नीशियन जांच करता मिला, जो टीम को देखकर भाग
गया। टीम ने केंद्र को सील कर दिया।


मोदीनगर की उपजिलाधिकारी डॉ. पूजा गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चरन सिंह और
अधीनस्थों ने सहारा अल्ट्रासाउंड केंद्र पर औचक निरीक्षण किया। इसमें पाया गया कि पीसीपीएनडीटी
ऐक्ट के तहत जिस स्थान पर केंद्र चलाने की अमुमति थी, उसके बजाय दूसरे पते पर केंद्र चलाया जा
रहा था। केंद्र संचालक प्रदीप कुमार नियमों को ताक पर रखकर संचालन कर रहा था। वहीं,


रेडियोलाजिस्ट डॉ. अभिषेक शर्मा की अनुपस्थिति में टेक्नीशियन महिला की जांच कर रहा था।
मोदीनगर का यह पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी स्वास्थ्य विभाग की टीम अल्ट्रासाउंड केंद्रों
में इस तरह के मामले पकड़ जा चुके हैं। जिले में 367 अल्ट्रासाउंड केंद्र और 120 रेडियोलॉजिस्ट का
पंजीकृत हैं। पीसीपीएनडीटी ऐक्ट के मुताबिक, एक रेडियोलॉजिस्ट 35 किलोमीटर की परिधि में दूसरे केंद्र
पर भी जांच कर सकता है। इस लिहाज से करीब 240 अल्ट्रासाउंड केंद्र पर रेडियोलॉजिस्ट काम कर रहे
हैं।


सौ से अधिक केंद्रों पर नियमों का उल्लंघन
जिले में 127 केंद्र ऐसे हैं, जहां नियमों का उल्लंघन कर टेक्नीशियन अल्ट्रासाउंड जांच कर रहे हैं। इसके
बाद भी इनका पंजीकरण रद्द नहीं किया गया है। हालांकि, सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर का कहना है
कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम समय-समय पर केंद्रों की जांच कर रही है और
नियमों के खिलाफ चल रहे केंद्रों पर कार्रवाई की गई है।