पीएम मोदी ने नवी मुंबई में किया इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन कहा- भारत की चेतना होगी समृद्ध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मुंबई दौरे पर हैं। अपने इस दौरे केदौरान उन्होंने नवी मुंबई में एक नए इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन किया।
पीएम मोदी ने नवी मुंबई में किया इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन कहा- भारत की चेतना होगी समृद्ध
मुंबई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मुंबई दौरे पर हैं। अपने इस दौरे केदौरान उन्होंने नवी मुंबई में एक नए इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन किया। यह मंदिर लगभग 9 एकड़में फैला हुआ है, जिसमें से 2.5 एकड़ क्षेत्र में भव्य मंदिर बनाया गया है। यह एशिया का दूसरासबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है।नए इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंनेकहा,आज ज्ञान और भक्ति की इस महान धरती पर इस्कॉन के प्रयासों से श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन हो रहा है।
मेरा सौभाग्य है कि मुझे ऐसे अलौकिक अनुष्ठान में अपनीभूमिका निभाने का पुण्य प्राप्त हुआ है।पीएम मोदी ने कहा कि मैं अभी देख रहा था कि श्री श्री राधा मदनमोहन जी मंदिर परिषद की जोरूपरेखा है, इस मंदिर के पीछे जो विचार है, इसका जो स्वरूप है, उसमें अध्यात्म और ज्ञान कीसम्पूर्ण परंपरा के दर्शन होते हैं। मंदिर में ईश्वर के विविध स्वरूपों के दर्शन होते हैं। मुझे विश्वास है
कि यह मंदिर परिसर आस्था के साथ-साथ भारत की चेतना को भी समृद्ध करने का एक पुण्य केंद्रबनेगा। मैं इस पुनीत कार्य के लिए इस्कॉन के सभी संतो, सदस्यों और महाराष्ट्र के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज को याद करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज इस मौके परमुझे परम श्रद्धेय गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का भावुक स्मरण भी हो रहा है। इस प्रोजेक्ट मेंउनका विजन जुड़ा हुआ है। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनकी अगाध भक्ति का आशीर्वाद जुड़ा हुआ है।आज वह भौतिक शरीर से भले ही यहां न हों, लेकिन उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति हम सब महसूसकर रहे हैं।उन्होंने कहा कि दुनियाभर में इस्कॉन के अनुयायी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की डोर से बंधे हैं।
उन सबको एक-दूसरे से कनेक्ट रखने वाला एक और सूत्र है, जो चौबीसों घंटे हर भक्त को दिशादिखाता रहता है। यह श्रील प्रभुपाद स्वामी के विचारों का सूत्र है। उन्होंने उस समय वेद-वेदांत औरगीता के महत्व को आगे बढ़ाया जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था। उन्होंने भक्ति वेदांत कोजनसामान्य की चेतना से जोड़ने का अनुष्ठान किया।
उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया के हर कोनेमें करोड़ों लोगों को उनकी तपस्या का प्रसाद मिल रहा है। श्रील प्रभुपाद स्वामी की सक्रियता औरउनके प्रयास आज भी हमें प्रेरित करते हैं।