माता सत्यवती की 17 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर डॉ राकेश कुमार आर्य की 67 वी पुस्तक का हुआ विमोचन

ग्रेटर नोएडा। यहां स्थित अंसल गोल्फ लिंक टू सोसाइटी की महर्षि दयानंद वाटिका में हुए एक कार्यक्रम में ग्राम महावड़ के रहने वाले डॉ राकेश कुमार आर्य की 67 वी पुस्तक "मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा" का विमोचन

माता सत्यवती की 17 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर डॉ राकेश कुमार आर्य की 67 वी पुस्तक का हुआ विमोचन

ग्रेटर नोएडा। यहां स्थित अंसल गोल्फ लिंक टू सोसाइटी की महर्षि दयानंद वाटिका में हुए एक कार्यक्रम में ग्राम महावड़ के रहने वाले डॉ राकेश कुमार आर्य की 67 वी पुस्तक "मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा" का विमोचन भारतीय जनता पार्टी के

पूर्व नेशनल जनरल सेक्रेटरी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता संजय विनायक जोशी द्वारा किया गया। डॉक्टर आर्य की इस पुस्तक  में मेवाड़ के महाराणा वंश का पूरा इतिहास दिया गया है।

श्री जोशी ने मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए इस अवसर पर कहा कि डॉ आर्य इतिहास के लिए जिस प्रकार का संघर्ष कर रहे हैं वह आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत ही प्रेरणास्पद होगा।

क्योंकि उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से इतिहास की अबूझ पहेलियों को सुलझाने का सराहनीय प्रयास किया है। इस पुस्तक के माध्यम से भी कई ऐसे रहस्यों को स्पष्ट किया गया है

जो अभी तक अबूझ पहेली बने हुए थे। उन्होंने कहा कि इतिहास लेखन के माध्यम से हिंदू इतिहास के गौरवपूर्ण पक्ष को स्पष्ट करना समय की आवश्यकता है। जिसे डॉक्टर आर्य भली प्रकार निर्वाह कर रहे हैं।


 यह कार्यक्रम स्वर्गीय श्रीमती सत्यवती आर्या की 17 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस अवसर पर भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश शर्मा ने कहा कि मां के दिए संस्कार पीढ़ियों तक काम आते हैं।

उन्होंने कहा कि जो भी महापुरुष संसार के इतिहास में मिलते हैं उनके निर्माण में मां का विशेष योगदान रहा है मां की ममता हमारे जीवन का आधार होती है

और हमें अनेक प्रकार के मानवीय मूल्यों से सराबोर करती है। मोहन देव शास्त्री जी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण के लिए संस्कृति, भाषा और जन्मभूमि का सम्मान किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि इन तीनों के निर्माण में मां का विशेष योगदान होता है।


 जबकि आचार्य करण सिंह ने कहा कि मां ने क्रांतिकारी इतिहास रचने और राष्ट्रों का निर्माण करने में अपने जीवन खपा दिए हैं।

उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद जी महाराज हों या फिर शिवाजी महाराज या मेवाड़ के महाराणा प्रताप सभी के निर्माण में उनकी माताओं का विशेष योगदान रहा।


   इस अवसर पर श्री देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट ने कहा कि माता सत्यवती जी आर्य के महान संस्कार हमें विरासत में मिले हैं उन्हीं के दिए हुए संस्कारों के आधार पर हम समाज के लिए कुछ कर पा रहे हैं।

 राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अनिल नरूला, जिला आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुध नगर के प्रधान महेंद्र सिंह आर्य, आचार्य विद्या देव, स्वामी अखिलानंद, स्वामी ओमानंद, मोहन देव शास्त्री,

आचार्य करण सिंह, आचार्य प्राण देव , महावीर सिंह आर्य,

बलवीर सिंह आर्य, रहीस राम भाटी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभा की अध्यक्षता देव मुनि जी महाराज द्वारा की गई और कार्यक्रम का संचालन आर्य सागर खारी द्वारा किया गया।