मुजफ्फरपुर किडनी कांड

पटना/मुजफ्फरपुर, 10 जनवरी ()। बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित किडनी कांड में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।

मुजफ्फरपुर किडनी कांड

पटना/मुजफ्फरपुर, 10 जनवरी (बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित किडनी कांड में
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को आवश्यक कार्रवाई करने को


कहा है। साथ ही मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी से रिपोर्ट तलब करते हुए चार सप्ताह
में जवाब मांगा है।


पीड़ित महिला सुनीता देवी के ओवरी के ऑपरेशन के दौरान दोनों किडनी निकालने का मामला प्रकाश
में आने के बाद मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं राज्य


मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की थी। साथ ही मामले में संलिप्त आरोपितों की अविलम्ब
गिरफ्तारी की मांग की थी। इसपर सुनवाई करते हुए आयोग ने यह कार्रवाई की है।


जिले में सकरा थाने के मथुरापुर गांव की निवासी सुनीता देवी को पेट में दर्द था। उसका इलाज
बरियारपुर के शुभकान्त क्लिनिक में एक झोलाछाप चिकित्सक पवन कुमार ने किया। डॉक्टर ने


महिला के गर्भाशय में ट्यूमर होने की बात कही और तीन सितम्बर को उसका ऑपरेशन किया।
ऑपरेशन के बाद सुनीता की तबीयत बिगड़ने लगी और शरीर में सूजन होने लगा। उसके परिजनों ने


मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में उसका सीटी स्कैन कराया। रिपोर्ट में दोनों किडनी गायब हैं। इसकी


एफआईआर के बाद प्रशासनिक अधिकारी सकते में आ गये और जांच शुरू हुई। मालूम चला कि उक्त
क्लिनिक सरकार के मानदंड के अंतर्गत कार्य नहीं कर रही है।


उल्लेखनीय है कि इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पूर्व में बिहार के स्वास्थ्य विभाग
के प्रधान सचिव, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी व एसएसपी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में


जवाब मांगा था। जिलाधिकारी व एसएसपी ने आयोग में रिपोर्ट प्रेषित कर मामले में एफआईआर दर्ज
कर अनुसंधान किये जाने की बात कही थी। रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए आयोग ने एसएसपी


मुजफ्फरपुर से अनुसंधान की वर्तमान स्थिति व जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर से पीड़िता को मुआवजा
दिए जाने से जुडी रिपोर्ट की मांग की है।


इस संबंध में मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। इस मामले
में बिना विलम्ब किये हुए सरकार को अच्छे चिकित्सा संस्थान में पीड़ित महिला का इलाज


सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही किडनी प्रत्यारोपण के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। क्योंकि,
पीड़ित महिला की जान बचाने की दिशा में सरकार को हरसंभव प्रयास करने की जरूरत है।