नोएडा।श्रीराम मित्र मण्डल नोएडा रामलीला समिति द्वारा सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीरामलीला मंचन
नोएडा।श्रीराम मित्र मण्डल नोएडा रामलीला समिति द्वारा सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीरामलीला मंचन के नवम दिन मुख्य अतिथि पी.के.अग्रवाल पूर्व अध्यक्ष नोएडा प्राधिकरण,स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर रामलीला का शुभारंभ किया गया
नोएडा।श्रीराम मित्र मण्डल नोएडा रामलीला समिति द्वारा सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीरामलीला मंचन के नवम दिन मुख्य अतिथि पी.के.अग्रवाल पूर्व अध्यक्ष नोएडा प्राधिकरण,स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर रामलीला का शुभारंभ किया गया।
श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के चेयरमैन उमाशंकर गर्ग, अध्यक्ष धर्मपाल गोयल एवं महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा द्वारा मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया।
मूर्छा टूटने के पश्चात लक्ष्मण मेघनाथ का वध करने की प्रतिज्ञा लेते हैं और राम से आशीर्वाद ले कर मेघनाथ से पुनः युद्ध के लिए जाते हैं।वध करने की प्रतिज्ञा लेकर लक्ष्मण जिस समय युद्ध भूमि में जाने के लिये प्रस्तुत हुए, तब राम उनसे कहते हैं- "लक्ष्मण, रण में जाकर तुम अपनी वीरता और रणकौशल से रावण-पुत्र मेघनाद का वध कर दोगे, इसमें मुझे कोई संदह नहीं है। परंतु एक बात का विशेष ध्यान रखना कि मेघनाद का मस्तक भूमि पर किसी भी प्रकार न गिरे। क्योंकि मेघनाद एकनारी-व्रत का पालक है और उसकी पत्नी परम पतिव्रता है। ऐसी साध्वी के पति का मस्तक अगर पृथ्वी पर गिर पड़ा तो हमारी सारी सेना का ध्वंस हो जाएगा और हमें युद्ध में विजय की आशात्याग देनी पड़ेगी। लक्ष्मण अपनी सैना लेकर चल पड़े। समरभूमि में उन्होंने वैसा ही किया।
युद्ध में अपने बाणों से उन्होंने मेघनाद का मस्तक उतार लिया, पर उसे पृथ्वी पर नहीं गिरने दिया।हनुमान उस मस्तक को रघुनंदन के पास ले आये।तत्पश्चात सुलोचना मेघनाथ के पत्नी अपने पति का सर लेने के लिए राम शिविर में जाती है राम को जब यह पता चलता है तो वह स्वयं सुलोचना की से मिलने निकल पड़ते हैं और सुलोचना को विधि के विधान से अवगत कराते हैं। मेघनाथ के वध के पश्चात रावण कुभकरण को जगाता है । कुभकरण के पराक्रम से राम सेना में खलबली मच जाती है।तब भगवान श्रीराम बाणों से उस पर प्रहार करते है और कुंभकरण का वध कर देते है । कुभकरण वध के पश्चात अहिरावण भगवान श्रीराम से युद्व करता है और परमगति को प्राप्त होता है । रावण के कहने पर अहिरावण ने युद्ध से पहले युद्ध शिविर में उतरकर राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया। वह दोनों को पाताल लोक ले गया और एक गुप्त स्थान पर बंधक बनाकर रख लिया। राम और लक्ष्मण के अपहरण से वानर सेना भयभीत व शोकाकुल हो गई, लेकिन विभीषण ने यह भेद हनुमान के समक्ष प्रकट कर दिया कि कौन अपहरण करके ले जा सकता है।
तब हनुमानजी वेग की गति से पाताल पुरी पहुंच गए। हनुमान ने अहिरावण का वध कर प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को मुक्त कराया । मीडिया प्रभारी मुकेश गुप्ता ने बताया कि 24 अक्टूबर को रावण वध, दशहरा उत्सव एवं रावण,कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन आदि प्रसंगों का मंचन किया जायेगा। महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का दहन सायं 7 बजे होगा। इन तीन पुतलों के अतिरिक्त महंगाई, भ्रष्टाचार और सनातन धर्म के विरोधियों के पुतलों का भी दहन किया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद महेश शर्मा और स्थानीय विधायक पंकज सिंह रहेंगे। इस अवसर पर सीसीटीवी व ड्रोन से कड़ी निगरानी रहेगी, पुलिस प्रशासन के साथ साथ, निजी सुरक्षाकर्मी ,शहीद भगत सिंह सेना एवं श्रीराम मित्र मंडल के स्वयंसेवक रहेंगे।
इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सलाहकार मनोज शर्मा, सह-कोषाध्यक्ष अनिल गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल, राजकुमार गर्ग, चौधरी रविन्द्र सिंह, तरुणराज, पवन गोयल,मुकेश गोयल, बजरंग लाल गुप्ता, एस एम गुप्ता, अजीत चाहर, गौरव मेहरोत्रा, आत्माराम अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, मीडिया प्रभारी मुकेश गुप्ता, गिरिराज बहेडिया, शांतनु मित्तल, सुधीर पोरवाल, मोतीराम गुप्ता, अर्जुन अरोड़ा, आर के उप्रेती सहित श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के सदस्यगण व शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्तिथ रहे।