धू धू कर जल उठा दशकंधर: रावण के अंत को देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे लोग
अनूपशहर: कई दिन तक चले राम-रावण युद्ध के बाद अंतत: दशानन का अट्टहास शांत हुआ। विभीषण की सलाह पर जैसे ही राम ने एक साथ इकत्तीस सर संधान किए, दशकंधर धराशाई हो गया।
अनूपशहर: कई दिन तक चले राम-रावण युद्ध के बाद अंतत: दशानन का अट्टहास शांत हुआ। विभीषण की सलाह पर जैसे ही राम ने एक साथ इकत्तीस सर संधान किए, दशकंधर धराशाई हो गया।
रामलीला मैदान में रावण का पुतला धू-धू कर जल उठा।
हजारों की भीड़ बुराई और असत्य के इस अंत की साक्षी बनी। पूरा वातावरण आतिशबाजी के नाद और राम के जयकारों से गूंज उठा।
अनूपशहर कस्बे में अहारगेट स्थित रामलीला मैदान में रामलीला सेवा समिति के बैनर तले रावण दहन लीला का मंचन किया गया। जिसमें वानर व राक्षसों तथा रावण का लक्ष्मण तथा हनुमान जी से युद्ध का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद भगवान राम ने एक साथ 31 वाणों का संधान किया और अमृत सूखते ही रावण
धराशाई हो गया। वध के बाद रावण के पुतले का दहन किया गया।
दहन होते ही उसकी अस्थियों को लेने के लिये दर्शक दौड़ पड़े। रावण वध से पूर्व नर्वदेश्वर अखाड़े द्वारा खाटू श्याम के दरबार व निशान यात्रा के साथ भव्य काली
शोभायात्रा निकाली गयी। जिसमें देव रस्तौगी ने काली तथा जतिन कश्यप ने महिषासुर का स्वरूप धारण किया।
शोभायात्रा खलीफा अवधेश गर्ग के नेतृत्व में निकाली गयी।पुलिस प्रशासन ने इस दौरान ट्रैफिक कंट्रोल में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इस दौरान अवघेश
खलीफा,सुमित गोयल,दीपू गोयल,राकेश,हर्षित गर्ग,सौरभ,मयंक विकाश गर्ग सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।