स्मार्ट रोड़ बनाने को लेकर प्रशासन व व्यापारी आए आमने सामने
उत्तर प्रदेश:– सुहागनगरी फिरोजाबाद को स्मार्ट सिटी का दर्जा तो मिल गया लेकिन इसका विकास होना बाकी था जिसके तहत स्मार्ट रोड बनाने की कवायत शुरू हुई
उत्तर प्रदेश:– सुहागनगरी फिरोजाबाद को स्मार्ट सिटी का दर्जा तो मिल गया लेकिन इसका विकास होना बाकी था जिसके तहत स्मार्ट रोड बनाने की कवायत शुरू हुई जिसमें स्टेशन रोड को शामिल किया गया
इस पूरे स्टेशन रोड पर हो रहे भूमि अधिग्रहण को लेकर व्यापारी अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं आज जैसे ही प्रशासनिक अमले के साथ स्टेशन रोड पर पहुंचा महाबली जिससे व्यापारियों में मच गई खलबली सीधे तौर पर अपने कागजात लेकर अधिकारियों से जिरह करते हुए नजर आए व्यापारी। पूरा मामला जनपद फिरोजाबाद के नगर निगम क्षेत्र के स्टेशन रोड से जुड़ा है जिसे स्मार्ट रोड बनाने की कवायत नगर निगम ने शुरू की शुरुआत हुई
तो पहले चिन्नाहंकन लेफ्ट साइड से हुआ दूसरी बार चिन्नांकन राइट साइड से हुआ और तीसरी बार चिन्नांकन रोड के बीच औ बीच से हुआ व्यापारी लगातार इसका विरोध करते नजर आ रहे हैं क्योंकि उन्हें पूर्व में भी नोटिस दिए गए थे कभी लेफ्ट की साइड अवैध बताई गई तो कभी राइट साइड की जगह अवैध बताई गई जिसको लेकर व्यापारियों ने अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई आज जब दोपहर नगर निगम की टीम प्रशासनिक अधिकारी एसडीम महोदया सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे मौके पर गरजने के लिए महाबली भी तैयार था
लेकिन व्यापारियों एवं व्यापार मंडल के पदाधिकारी तत्काल प्रभाव से सूचना पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों से बात की और इस पूरे मामले को लेकर अपना पक्ष रखते हुए अपनी बात रखी जिसके बाद अधिकारियों ने कुछ समय देते हुए आज ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को रोक दिया अब आगे इस पूरे घटनाक्रम में क्या कुछ होगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा क्योंकि कोई व्यापारी हाई कोर्ट का स्टे दिखा रहा है तो कोई अपने कागजात दिखा रहा है तो कोई अपनी जमीन के अधिग्रहण को ही गलत बता रहा है अब ऐसे में क्या सही है क्या गलत है यह यह तो अधिकारियों की जांच उपरांत ही सामने आ पाएगा इस पूरे मौके पर एसडीएम महोदया ने कहा कि नियम कानून के हिसाब से ही कार्य होंगे, जिन्हे आपत्ति हो वो निगम में जाकर दे सकते हैं।
वहीं व्यापार मंडल के पदाधिकारी कौशल किशोर उपाध्याय ने इसका विरोध किया कहा यह गलत है वहीं व्यापारियों ने भी पुराने कागज दिखाते हुए हाईकोर्ट के स्टे का हवाला दिया, पीड़ित व्यापारियों का कहना था यह नियमविरुद्ध कार्य हो रहा है अगर हमें न्याय नहीं मिलता तो हम आंदोलन को बाध्य होंगे।