माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर प्रयागराज पुलिस की टीमें सोमवार की शाम नैनी जेल पहुंचीं

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर प्रयागराज पुलिस की टीमें सोमवार की शाम नैनी जेल पहुंचीं। साबरमती जेल से 6:30 बजे अतीक का काफिला पहुंचा और 7:15 बजे बरेली जेल से अशरफ को लाया गया।

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर प्रयागराज पुलिस की टीमें सोमवार की शाम नैनी जेल पहुंचीं

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर प्रयागराज पुलिस की टीमें सोमवार की शाम नैनी जेल पहुंचीं। साबरमती जेल से 6:30 बजे अतीक का काफिला पहुंचा और 7:15 बजे बरेली जेल से अशरफ को लाया गया। दोनों को अलग-

अलग हाई सिक्योरिटी बैरकों में रखा गया। दोनों भाइयों को मंगलवार को उमेश पाल अपहरण केस में फैसला सुनाए जाने के दौरान एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।

पुलिस की गाड़ियां अहमदाबाद के साबरमती जेल से करीब 23:30 घंटे की यात्रा के बाद नैनी पहुंची। अतीक को नैनी जेल हाई सिक्योरिटी तनहाई बैरक में रखा गया।

वहां 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी होगी। लखनऊ में बैठे आला अधिकारी भी अतीक की हर गतिविधियां लाइव देख सकेंगे। अतीक को मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।

जहां उमेश पाल अपहरण कांड में सजा का ऐलान होगा। अतीक के साथ ही अशरफ और इस केस के सभी 10 आरोपी कटघरे में मौजूद रहेंगे।

उमेश पाल अपहरण कांड में अदालत सुनाएगी फैसला
सन 2006 में उमेश पाल अपहरणकांड में 28 मार्च को सजा का ऐलान होना है। कोर्ट में अभी अभियुक्तों के लिए वारंट जारी किया

था। रविवार की सुबह प्रयागराज पुलिस की 45 सदस्यीय टीम गुजरात के साबरमती जेल पहुंची और वारंट को तामील करा दिया। शाम को छह बजे के करीब पुलिस टीम अतीक को लेकर प्रयागराज के लिए चल दी।

करीब 13 सौ किलोमीटर का सफर पुलिस ने साढ़े तेइस घंटे में पूरा किया। नैनी जेल में पुलिस सोमवार को करीब साढ़े पांच बजे पहुंची और अतीक को दाखिल कर दिया।

मंगलवार को अतीक-अशरफ तथा अन्य अभियुक्तों को एमपीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। एमपीएमलए कोर्ट ने सभी अभियुक्तों के खिलाफ वारंट जारी कर उन्हें 28 मार्च को अदालत में रहने के आदेश दिए थे। इसी वारंट के तहत अतीक को

साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया। नैनी जेल से कचहरी तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शहर के प्रमुख इलाकों में फोर्स तैनात कर दी गई है।

अतीक से पूछताछ के लिए दाखिल की गई अर्जी
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद को रिमांड पर लेकर पूछताछ के लिए पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।

हालांकि इस पर अभी फैसला नहीं आया है। इसके अलावा अशरफ से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है। जेल में अतीक, अशरफ और अली अहमद को अलग-अलग जेल में रखा गया है।

सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जेल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। इसके मद्देनजर फिलहाल मुलाकात भी अभी बंद रहेगा।

जेल में सुरक्षा का व्यापक बंदोबस्त
जेल में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए थे। अतीक अहमद के लिए हाई सिक्योरिटी तनहाई बैरक तैयार किया गया था।

अतीक को मेडिकल के बाद सीधा उसी बैरक में ले जाया गया। बैरक में बाडी वार्न कैमरे से लैस सुरक्षाकर्मी निगरानी में लगाए गए हैं। 24 घंटे सीसीटीवी से भी निगरानी होगी। अतीक की गतिविधियों को लखनऊ में भी आला अधिकारी सीधा प्रसारण देख रहे हैं।

पुलिस ने इस बात का पुख्ता इंतजाम किया है कि अतीक, उसके भाई अशरफ और बेटे अली की जेल में कोई मुलाकात न हो सके। अली को पहले ही दूसरे बैरक में भेज दिया गया था। उसे भी हाई सिक्योरिटी तनहाई बैरक में रखा गया है।

जब तक अतीक का खात्मा नहीं होगा तब तक न्याय नहीं मिलेगा- जया

उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि जब तक माफिया अतीक अहमद का खात्मा नहीं होगा, तब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि अतीक अहमद को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और उसके जीने का

अधिकार छीन लिया जाए। जैसे इसने मेरे परिवार को उजाड़ा है, इसी तरह इसका परिवार भी उजड़ जाए। कहा कि जब तक अतीक अहमद का अंत नहीं होगा तब तक समस्या का समाधान नहीं होगा।

2006 में हुआ था अपहरण, 16 महीने बाद दर्ज हुई थी रिपोर्ट
बसपा विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का अपहरण 28 फरवरी 2006 को किया गया था। अतीक-अशरफ

और उनके गुर्गों ने उमेश को रात भर पीटा और उससे हलफनामा पर लिखवा लिया कि हत्याकांड के समय वह मौके पर मौजूद नहीं था। न ही उसने किसी को देखा था।

अगले दिन उमेश से कोर्ट में गवाही भी करा दी गई। 2007 में जब बसपा सरकार बनी तो घटना के 16 महीने बाद पांच जुलाई 2007 को उमेश पाल ने अतीक-अशरफ समेत 11 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसी मामले में 28 मार्च को सजा का ऐलान

होना है। इसी केस में गवाही के बाद जब 24 मार्च को उमेश कोर्ट से घर जा रहे थे तो अतीक के बेटे असद समेत शूटरों ने उन्हें गोलियों से भून दिया था